भुवनेश्वर (परिवर्तन): ओडिशा के भुवनेश्वर में एक निजी इंजीनियरिंग संस्थान में एक नेपाली छात्रा के अपने छात्रावास में मृत पाए जाने की घटना के संबंध में नयी दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के दो अधिकारी संस्थान का दौरा कर सकते हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अधिकारी उन नेपाली छात्रों से भी मुलाकात कर सकते हैं जिन्हें उनके छात्रावास से कथित तौर पर बाहर निकाल दिया गया था।
संस्थान के रजिस्ट्रार ने बताया कि मृतक छात्रा की पहचान प्रकृति लम्साल के रूप में हुई है। वह ‘कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी’ (केआईआईटी) में बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा थी।
कैम्पस में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद केआईआईटी प्रशासन ने कई नेपाली छात्रों को कथित रूप से छात्रावास से बाहर कर, उनके लिए यात्रा का प्रबंध किए बिना उन्हें कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने छात्रों को कुछ राहत देने की पेशकश की।
ओली ने सोमवार को नेपाली भाषा में ‘फेसबुक’ पर लिखा, “मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि ओडिशा के केआईआईटी विश्वविद्यालय के छात्रावास में एक नेपाली छात्रा की मौत हो गई है और नेपाली छात्रों को जबरन बाहर निकाला गया है। सरकार इस मामले को राजनयिक माध्यमों से देख रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है।”
बाद में ओली ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नयी दिल्ली स्थित हमारे दूतावास ने ओडिशा में प्रभावित नेपाली छात्रों को परामर्श देने के लिए दो अधिकारियों को भेजा है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया गया है कि वे अपनी इच्छा के अनुसार या तो छात्रावास में रह सकते हैं या स्वदेश लौट सकते हैं।”
मृतका के चचेरे भाई ने भुवनेश्वर के इन्फोसिटी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बहन ने रविवार को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उसने दावा किया कि विश्वविद्यालय का एक छात्र उसकी बहन को ब्लैकमेल कर रहा था जिसके कारण उसने यह कदम उठाया।
संस्थान ने कहा, “ऐसा संदेह है कि मृतिका के केआईआईटी के किसी अन्य छात्र के साथ प्रेम संबंध थे और उसने किसी कारणवश आत्महत्या कर ली।”