कोलकाता (परिवर्तन)। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री गुरुवार को आखिरी बार भारतीय टीम की अगुआई करने मैदान पर उतर रहे हैं। भारत का सामना फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग मैच में कुवैत से होगा। टीम के खिलाडिय़ों की कोशिश होगी कि वह अपने कप्तान को जीत के साथ विदाई दें। भारतीय टीम के लिए यह मैच करो या मरो की तरह है। टीम अगर इस मैच को जीतती है तो वह पहली बार 18 टीमों के क्वालीफायर के अंतिम चरण के लिए क्वालीफाई करने के लिए काफी बेहतर स्थिति में होगी।
भारत के सबसे फुटबॉलर में शामिल छेत्री ने हाल ही में फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की थी और कहा था कि कुवैत के खिलाफ छह जून को वह आखिरी बार भारत के लिए खेलने उतरेंगे। छेत्री पिछले 19 साल से भारतीय फुटबॉल के ध्वज वाहक रहे हैं और 39 वर्ष का यह खिलाड़ी खुद भी टीम के लिए अपना सब कुछ झोंकने के लिए तैयार होगा। चार-चार टीमों के नौ समूहों में से शीर्ष दो टीमें क्वालिफिकेशन के तीसरे चरण में पहुंचेंगी। फीफा ने विश्व कप में एशिया के कोटे में आठ बर्थ का इजाफा किया है और तीसरे चरण के बाद ही इसे हासिल करने वालों का फैसला होगा।
छेत्री के नाम 150 मैचों में 94 गोल है और वह सक्रिय खिलाडिय़ों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोन मेसी के बाद सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वालो की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। छेत्री का करियर साल 2000 में मोहन बागान से जुडऩे के बाद इसी मैदान में परवान चढ़ा था ऐसे में अपने चहेते खिलाड़ी को भारतीय टीम की जर्सी में आखिरी बार देखने के लिए कोलकाता का सॉल्ट लेक स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा होगा।